2020 तक भारत में पारदर्शी चाय-दूध लाने की तैयारी

आप किसी के घर जाएं और वह पानी जैसी पारदर्शी चाय पेश करे तो क्या सोच में नहीं पड़ जाएंगे! नई-नई चीजों से चकित करते भारतीय बाजार में पारदर्शी दूध और पारदर्शी चाय उतारने की तैयारी हो रही है। देश की कुछ डेयरी कंपनियां इन उत्पादों के बाजार की संभावनाएं तलाश रही हैं।
उपभोक्ता मांग के सर्वेक्षणों में उन्हें मुनाफा दिखा तो अगले दो साल में शहरी सुपरमार्केट चेनों में ऐसा बोतलबंद दूध और तैयार चाय बिकेगी जिन्हें देख कर मिनरल वाटर का भ्रम होगा। असल में बीते तीन साल में जापान में पानी जैसी पारदर्शी चाय और पारदर्शी दूध का क्रेज बढ़ा है। कंपनियां मान रही हैं कि भारतीय ग्राहक भी इनके प्रति आकर्षित होंगे।
विभिन्न पेय बनाने वाली जापानी कंपनी सनटोरी ने पारदर्शी चाय और पारदर्शी दूध विकसित किए जिन्होंने जापानियों को दीवाना बना रखा है। कंपनी ने 2015 में पानी जैसे रंग-हीन पारदर्शी कोल्ड ड्रिंक तथा फ्रूट जूस बाजार में उतारे थे। जो पारदर्शी चाय और पारदर्शी दूध जैसे लोकप्रिय नहीं हुए। कंपनी ने इस चाय और दूध की एक बोतल की न्यूनतम कीमत 150 येन (करीब 95 रुपये रखी थी जिससे आम ग्राहक इसका इस्तेमाल कर सकें।
पारदर्शी चाय
सनटोरी ने अप्रैल 2017 में पारदर्शी लेमन टी बाजार में उतारी। सितंबर में मिनरल वाटर जैसी दूध की चाय लाई। चाय में असम के बागानों की चाय की पत्तियों का फ्लेवर था। जब लोगों ने कहा कि सनटोरी लेमन टी और दूध वाली चाय का फ्लेवर मिला कर मिनरल वाटर दे रही है तो कंपनी ने 20 सेकेंड का वीडियो बनाकर सार्वजनिक किया कि वह कैसे सचमुच पारदर्शी चाय बना रही है।
ऐसे बनता है पारदर्शी दूध
कंपनी ने एक तस्वीर जारी करके यह भी स्पष्ट किया कि वह दूध को पारदर्शी बनाने के लिए कुछ एंजाइम्स की मदद से उसमें से सफेद रंग का मिल्क फैट और प्रोटीन हटा देती है। तब लेक्टोस और मिल्क मिनरल बचे रहते हैं। जिनका रंग पानी जैसा होता है।
चाय-दूध की खूबी
-पारदर्शी चाय में कैलोरी कम होती है। कैफीन-फैट नहीं होते। जबकि दूध में मिलने वाले न्यूट्रिएंट बरकरार रहते हैं।
-सनटोरी ने पारदर्शी चाय को दफ्तरों के लिए परफेक्ट बताया। इससे कर्मचारियों को स्फूर्ति मिलती है। कैफीन-फैट नहीं।
-पारदर्शी दूध को बच्चे शीतल पेय जैसे पीते हैं। इससे माता-पिता की मुश्किल हल हो जाती है कि उन्हें दूध कैसे पिलाएं।
बदला कोका-कोला
रंगहीन चाय-दूध की लोकप्रियता से कोका कोला को जापान में झुकना पड़ा। प्रतियोगिता में बने रहने के लिए कंपनी ने अपने ड्रिंक के भूरे रंग का मोह छोड़ा। अमेरिकी कंपनी की जापानी इकाई ने पिछले साल कोका-कोला क्लीयर (जीरो कैलोरी, लेमन फ्लेवर बाजार में उतारा। यह सिर्फ जापान में बेचने के लिए है।
चीयर्स डेस्क