एक कार बनाने पर खर्च होता है 1,48,000 लीटर पानी

भारत भीषण जलसंकट का सामना कर रहा है, अभी हाल ही में, चेन्नई में हालात इतने बुरे हो गए कि ट्रेनों द्वारा पानी सप्लाई करना पड़ा। देश के कई इलाके पानी की कमी से जूझ रहे हैं। खासकर गर्मियों में देश के कई इलाकों में पानी का भीषण संकट खड़ा हो जाता है। पानी की कमी के पीछे कई चीजें जिम्मेदार है। 2020 तक 8 मेट्रो शहरों में पानी खत्म होने की कगार पर है। नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार ने जल संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। लेकिन, पानी जा कहां रहा है? पानी की इतनी बर्बादी कहां हो रही है? क्या पानी खत्म होने के पीछे आम जनता ही दोषी है? दरअसल, पानी की कीमत को आंकना जब तक संभव नहीं है तब तक इसकी बर्बादी की असल वजह सामने नहीं आएगी।
वाटर फुटप्रिंट नेटवर्क, आईबीएम, वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2025 तक पूरी दुनिया को 20 फीसदी अधिक पानी चाहिए होगा। अनुमान के मुताबिक 2025 तक 3 अरब लोग और जन्म लेंगे। इनमें से हर तीसरे इंसान को पीने और नहाने के लिए पानी के लिए मशक्कत करनी होगी।
पानी का इस्तेमाल
पानी केवल नहाने, सफाई करने और खाना पकाने तक ही सीमित नहीं है। हमारे रोजाना इस्तेमाल में आने वाले प्रोडक्ट्स को बनाने में भी पानी का ही इस्तेमाल होता है। लेकिन, क्या कभी किसी ने सोचा है इन प्रोडक्ट्स को बनाने में कितना पानी खर्च होता है? कौन सा देश सबसे ज्यादा पानी खर्च करता है? ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब जानकर आप चौंक जाएंगे।
किसी भी प्रोडक्ट को तैयार करने के लिए पानी की जरूरत पड़ती है, यानी किसी भी प्रोडक्ट को तैयार करने में खर्च होने वाले पानी को वाटर फुटप्रिंट कहा जाता है।
किन प्रोडक्ट को बनाने में खर्च होता है कितना पानी?
प्रोडक्ट | खर्च |
एक कार | 148,000 लीटर |
एक किलो चमड़ा | 17093 लीटर |
एक जींस | 8000 लीटर |
एक किलो मक्खन | 5553 लीटर |
एक कॉटन शर्ट | 2500 लीटर |
एक किलो चावल | 2497 लीटर |
एक किलो ब्रेड | 1608 लीटर |
एक किलो ऊन | 844 लीटर |
एक प्लास्टिक बोतल | 95 लीटर |
बीयर 250 एमएल | 74 लीटर |
A4 साइज पेपर | 10 लीटर |
इन कारणों से भी बरबाद हो रहा है पानी
दुनियाभर में 60 फीसदी पानी, पाइप लीकेज होने की वजह से बरबाद होता है।
एक बूंद पानी अगर प्रति सेकेंड टपकटा है, तो हर साल करीब 102200 लीटर पानी बर्बाद हो जाता है।
हर साल दुनिया में 1.3 अरब टन खाना बर्बाद होता है, जिसमें 170 लाख करोड़ गैलन पानी होता है।
चीयर्स डेस्क