2022 तक दिल्ली में जल संकट खत्म होने का दावा

दिल्ली सरकार ने बरसात और बाढ़ के पानी को जमीन के नीचे स्टोर करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। उत्तर पश्चिम दिल्ली के सुंगरपुर गांव में यमुना किनारे खुदाई कर के तालाब बनाने का काम शुरू किया गया है। दिल्ली सरकार के मुताबिक जब यमुना में बाढ़ आएगी या जलस्तर बढ़ेगा तब यह गड्ढा भर जाएगा। गड्ढे में भरा पानी रिसकर जमीन के नीचे जाएगा जिससे भूमिगत जल स्तर बढ़ेगा और जरूरत पड़ने पर दिल्ली की प्यास बुझाने के काम आएगा।
क्या है पूरी योजना?
दिल्ली में यमुना जहां से प्रवेश करती है वह पल्ला गांव कहलाता है। पूरा गांव से लेकर वजीराबाद गांव तक यमुना लगभग साथ ही रहती है जबकि वजीराबाद के बाद जैसे ही नजफगढ़ का नाला यमुना में मिलता है यमुना एक गंदे नाले में तब्दील हो जाती है। दिल्ली सरकार की योजना है कि पल्ला से वजीराबाद के 20 किलोमीटर के यमुना खादर के हिस्से में यमुना किनारे करीब 1000 एकड़ में डेढ़ से दो मीटर के गड्ढे करके तालाब बनाए जाएं।
दिल्ली सरकार के मुताबिक यमुना किनारे जमीन की ऊपरी सतह हटने के बाद यमुना की जमीन रेतीली होती है। रेतीली जमीन में पानी सोखने की क्षमता कहीं ज्यादा होती है। इसलिए जब पानी इन गड्ढों में भरेगा तो तेजी से जमीन के नीचे जाएगा और स्टोर हो जाएगा। उस पानी को जरूरत पड़ने पर कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है। दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ मंत्री सत्येंद्र जैन के मुताबिक ‘यह फार्म पेंडिंग कंसेप्ट है इसके तहत जमीन की ऊपरी सतह को हटाया जाता है और नीचे की जो सतह होती है वह रेतीली होती है। रेत में पानी रिसकर जाने की क्षमता 20 से 25 गुना ज्यादा होती है। एक अंदाजे के मुताबिक मिट्टी में पानी रिसने की क्षमता 0.5 मीटर प्रतिदिन होती है जबकि रेत में 10 से 15 मीटर प्रतिदिन। इसलिए इस योजना पर काम किया जा रहा है। अगर यह योजना सफल हुई तो बरसात और बाढ़ के दौरान जो पानी यूं ही बहकर नदी के जरिए समंदर में चला जाता है वह जमीन के नीचे स्टोर हो जाएगा और दिल्ली वालों की प्यास बुझाने के लिए वह कभी भी काम आ सकता है। ‘
2022 तक जल संकट खत्म
इस योजना को लांच करने के दौरान दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने दावा किया कि अगले तीन साल के अंदर दिल्ली में पानी की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। सत्येंद्र जैन ने कहा ‘ जैसे केजरीवाल सरकार में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी के क्षेत्र में काम करके दिखाए, आने वाले समय में दिल्ली में पीने के पानी की समस्या हमेशा के लिए खत्म कर दी जाएगी। हमें सिर्फ तीन साल का समय चाहिए आज 2019 है, 2022 में दिल्ली के अंदर पीने के पानी की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी, इसका हम आपसे वादा करते हैं.’
केंद्र सरकार का है सहयोग
केजरीवाल सरकार की इस योजना को केंद्र की मोदी सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है। इस योजना के पायलेट प्रोजेक्ट को लांच करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह योजना केवल दो महीने के अंदर शुरू हो रही है तो इसका 90 फीसदी श्रेय केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत को जाता है जिन्होंने हमारी इस योजना में पूरा सहयोग किया। केंद्र सरकार की एजेंसियों ने सभी तरह की औपचारिकताएं और मंजूरी तुरंत दे दी।
इस मौके पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा ‘केजरीवाल सरकार की यह योजना जल संरक्षण और जल सुरक्षा की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी। इस योजना के लिए दिल्ली सरकार को बधाई। ‘
किराए पर ली जाएगी जमीन
इस प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली सरकार ने किसानों से जमीन लेने की योजना बनाई है। तय किया गया है कि किसानों को जमीन किराए पर देने के बदले 77,000 रुपये एकड़ के हिसाब से भुगतान किया जाएगा।