न्यू मोटर व्हीकल एक्ट का दर्द

एक सितम्बर 2019 से केंद्र सरकार का संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट लागु हो गया है। इस एक्ट में तो वैसे बहुत से प्रावधान है लेकिन हम आप को शराब से जुड़े प्रावधान के बारें में बताने जा रहें हैं। अगर अब आप शराब पी कर गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाते है तो आप से दस हजार रुपए तक का जुर्माना वसूला जाएगा। जब से यह प्रावधान आया है तब से मेम्स के मार्केट को भी नए तरह से मेम्स बनाने के लिए टॉपिक मिल गया है। सोशल मीडिया पर तो इन मेम्स की भरमार पड़ी हुई है। सोशल मीडिया पर ऐसी गाड़ियों की फोटो दिखने लगे हैं, जिनमें लगे पोस्टरों पर लिखा है कि देशी शराब का ठेका, आना जाना फ्री… साथ में यह भी चर्चा चल पड़ी है कि क्यों डरते हो 10,000 के चालान से खूब पियो हम छोड़ेंगे तुम्हे घर, अपनी दुकान से...
शराब उपभोक्ता का दर्द
अब आते है शराब उपभोक्ता पर , इस नए एक्ट ने शराब उपभोक्तओं की दिक्क़त को बढ़ा दिया है। ऑफिस की दिन भर की थकान मिटाने के लिए थोड़ी सी शराब पीने के बाद वो घर कैसे जाए ? घर पर शराब पी नहीं सकते क्योंकि घर पर बीवी बच्चे हैं और घर के बाहर तो सरकार का ये नया मोटर व्हीकल एक्ट पीने नहीं देगा। लोगों को समझ नहीं आ रहा कि सरकार के इस फैसले के बाद करें तो क्या करें। पीना छोड़ दें यह हो नहीं सकता और शराब पीकर गाड़ी से घर पहुंचें यह सरकार होने नहीं देगी।
सरक़ार भी है परेशान
हमारे समाज में शराब पीने वाले को बड़े ही हीन नजर से देखा जाता है और उन्हें शराबी, बेवड़ा, नशेड़ी पता नहीं क्या क्या कहा जाता है। लेकिन इस सच से आप मुँह नहीं मोड़ सकते है कि इन्हीं की वजह से सरकार के कोष में राजस्व की वृद्धि होती है। शराब पीने वाले लोग देश की अर्थव्यवस्था को बचाने में बहुत बड़ा योगदान देते हैं। शायद केन्द्र सरकार मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन करते समय इस बात को भूल गई होगी, नहीं तो यह संशोधन होता ही नहीं।
कई राज्य जिनकी कमाई का मुख्य स्त्रोत ही आबकारी विभाग है वो नए व्हीकल एक्ट के पहले झटके से ही समझ गए हैं कि अब उन्हें क्या करना है। कई राज्यों ने तो सीधे तौर पर कह दिया है कि इस कानून को वो अपने राज्य में जस का तस नहीं लागू करने वाले, वे पहले इसमें कुछ सुधार करेंगे फिर लागू करेंगे। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश , मध्यप्रदेश, राजस्थान,की सरकार भी शामिल है। मप्र में सरकार ने तो शराब की दुकान के पास शराब पीने के लिए अहाते के लिए भी अनुमति दे रखी है।
इन अहातों की मार्केटिंग भी गजब की होती है। कई जगह लिखा होता है कि शासन द्वारा मान्यता प्राप्त पीने की व्यवस्था… या फिर गिलास फ्री… पानी फ्री… चखना फ्री…..अब इस बात से कोई भी इत्तफाक नहीं रखेगा कि ऐसी व्यवस्था जो सरकार की ओर से है और वहां से आदमी शराब पीकर निकले और घात लगाए खड़े पुलिस वाले उन्हें धर लें। खाकी को अचानक सामने देखकर तो कई ‘बेचारों’ की तो पूरी की पूरी उतर जाती है। पुलिस है कि मानती नहीं… सेटिंग हुई तो ठीक नहीं तो सीधे हाथ में चालान थमा दिया…
अब देखना होगा कि नए व्हीकल एक्ट में कोई संशोधन होता है या फिर इसे ऐसे ही लागू कर दिया जाएगा।
चीयर्स डेस्क
सुनिए देश के विकास के लिए क्या करते हैं शराब उपभोक्ता
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