समुद्री पानी को पीने लायक बनाएगा दुनिया का पहला सोलर वाॅटर प्लांट

आज भी दुनिया में लगभग 2.2 बिलियन लोग ऐसे हैं जिनके पास साफ पीने के पानी तक पहुंच नहीं है, लेकिन अब लगता है इसका हल मिल गया है। हाल ही में, एनजीओ गिव पॉवर ने केन्या में एक सौर-ऊर्जा संचालित संयंत्र स्थापित किया है जो नमकीन समुद्र के पानी को ताजे पीने के पानी में बदल देता है और इस तरह 35,000 लोगों को एक दिन में मदद करता है।
केन्या के गैर-सरकारी संगठन ‘गिव पावर’ ने दुनिया का पहला सोलर वाॅटर प्लांट स्थापित किया है, जो समुद्री खारे पानी को पीने योग्य बनाएगा। इसे पापुआ न्यू गिनी के किउंगा शहर में स्थापित किया गया है। दावा है- यहां से हर दिन 35 हजार लोगों को पीने योग्य पानी मिल सकेगा।सोमालियाई सीमा के पास भारतीय महासागर के तट पर मछली पकड़ने वाले समुदाय का एक गांव है, जहां करीब 3,500 लोग रहते हैं। यहां बिजली के साथ-साथ पीने के पानी की गंभीर समस्या है। इससे निपटने के लिए संस्था ने प्लांट लगाया है।
इस प्लांट के लगने से पहले, कभी-कभी लोगों को अपने परिवार के लिए पीने का पानी पाने के लिए एक घंटे से भी अधिक की यात्रा करनी पड़ती थी। चूंकि ताजे पानी की प्रत्येक बूंद इतनी कीमती थी, इसलिए वे आमतौर पर गंदे नमक के पानी में स्नान करते और कपड़े धोते थे, जो कि त्वचा के लिये नुकसानदायक था।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनिया में 84.40 करोड़ लोगों के पीने योग्य पानी नहीं मिल पाता है। इनमें से तीन लाख से ज्यादा बच्चे ऐसे हैं, जो हर साल पानी से होने वाली बीमारियों के कारण मर जाते हैं। वर्तमान में करीब 200 करोड़ लोग पानी की कमी वाले क्षेत्रों में रहते हैं।
चीयर्स डेस्क