अभी तक नहीं जांची गई पानी की गुणवत्ता

मीरगंज और आंवला के करीब दो दर्जन गांव के लोग एक दशक से अधिक समय से कैंसर से जूझ रहे हैं। गांवों के हैंडपंपों से आर्सेनिक निकल रहा है। नलों में गंदा पानी आता है। इसके बाद भी लोग इस जहरीले पानी को पीने को मजबूर हैं। मीरगंज के बहरोली और गोरा समेत सभी कैंसर प्रभावित गांवों हर घर में कम से कम एक उथले हैंडपंप लगे हैं। लोग उथले हैंडपंपों के पानी की इस्तेमाल पीने में कर रहे हैं।
सार्वजनिक स्थानों पर लगे ज्यादातर इंडिया मार्का हैंडपंप भी प्रदूषित पानी की गिरफ्त में आ गए हैं। इनसे आर्सेनिक और फ्लोराइड निकल रहा है। कुछ ही इंडिया मार्का हैंडपंप का पानी सुरक्षित बताया गया है। ग्रामीण पीने के शुद्ध पानी के लिए परेशान हैं। मजबूर ग्रामीणों को साफ पीने का पानी मय्यसर नहीं हो पा रहा। मीरगंज और आंवला में कैंसर प्रभावित गांव में उथले हैंडपंपों के हत्थे निकालने के निर्देश दिए गए हैं। इनको प्रशासन उखड़वाने की कार्रवाई भी करेगा।
चीयर्स डेस्क