अपनी कमियों को प्रचार से छुपाने में जुटा है केंट आरओ ?
प्रचार तंत्र के सहारे केन्ट आरओ की मार्केट में धाक, पानी इसका भी दूसरे आरओ ही जैसा, टीडीएस के खेल में बदल दिए मानक

केन्ट आरओ ने पानी साफ करने की अत्याधुनिक तकनीक के बल बूते वाटर प्यूरीफायर इंडस्ट्री के क्षेत्र में कदम रखा और मजबूत प्रचार प्लान के दम पर बाजार पर कब्जा कर नंबर वन कंपनी बन गई। बन तो गई लेकिन बाजार पर छा जाने के दबाव के चलते अपनी गुणवत्ता कायम नहीं रख सकी। पिछले चार वर्षों में इसकी जितनी भी आरओ मशीनों इंस्टाल की गईं उनमें से तीस प्रतिशत से अधिक में क्वालिटी कंट्रोल पुअर निकला लेकिन कंपनी ने फिर भी प्रचार प्रतिष्ठा के बल पर उन्हें बाजार में उतार दिया । इसी का नतीजा है कि इसके बाथ टब में काई लग जाने, वाटर टैप निकल जाने, बैक कवर में छेद हो जाने जैसी शिकायतें बड़ी संख्या में हो रही हैं। कंपनी के एक कर्मचारी के अनुसार यूपी में कंपनी ने फ्रेंचाइज़ी दे रखी है और यह भी शक किया जा रहा है कि जो मशीनें केन्ट के नाम पर इंस्टाल की जा रही हैं, उनका क्वालिटी कंट्रोल शायद असली नहीं हो।
उसी कर्मचारी का कहना है कि फ्रेंचाइजी के कर्मचारी केन्ट के नहीं हैं और उन्हें केन्ट की प्रतिष्ठा से कोई लेना देना नहीं है। केन्ट के समानांतर चलने वाली अन्य आरओ कम्पनियां भी बिल्कुल इसी स्तर के आरओ का निर्माण कर रही हैं और केन्ट से विमुख हो रहे ग्राहकों को अपने आरओ लगा कर अच्छी सर्विस दे रही हैं। इस काम में केन्ट के ही कुछ कर्मचारी उनकी सहायता कर रहे हैं, ऐसे कर्मचारियों के अनुसार केन्ट को मार्केटिंग की आवश्यकता नहीं है, ग्राहक केन्ट के नाम पर ही मशीन लगवा लेता है और निश्चिंत हो जाता है, लेकिन दरअसल यहीं पर वह चूक जाता है क्योंकि मजबूत प्रचार प्रबंधन के चलते कंपनी या उसकी फ्रेंचाइजी को किसी बात की चिंता ही नहीं है और खराब मशीनों की खपत जारी है।
चीयर्स डेस्क